Tuesday, October 11, 2011

निरंतर...

प्रियतम तू मेरी डोर है,
मैं तेरा सतरंगा शाळा,
तेरा प्यार है इतना कोमल,
अक्सर याद आनेवाला,

मैं तुझको जी भर के देखता,
जखम मुझे तू ही देता,

एक-दुसरे से मिल कर ही,
आज रहेगा ये दिलवाला...
                        दिलवाला...

Sunday, April 17, 2011

निरंतर...

प्यार तुझे तो यार मै जलकर,
गर्म बनूँगा मैं शाळा,
दीवाना तेरे प्यार में पागल,
मरकर भी जीने-वाला,

जीवन का जल तो तेरे,
ऊपर कब का जला चूका,

बनती है जैसे शाख-राख में,
आज बनेगा ये दिलवाला ...

Saturday, April 16, 2011

निरंतर...

जलते ह्रदय के आँच की,
आज बना लाया शाळा,
दग्ध ह्रदय का तुच्छ भेंट,
है दिल तुझको देनेवाला,

जग की पीड़ा जग जाने,
क्या जाने यह मतवाला,

अभिवादन करता है तुमको,
सबसे पहले यह दिलवाला...

                       दिलवाला...