Thursday, October 11, 2012

जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई


चरण स्पर्श !!
जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई आपको, हम अपने पुजनिये गुरु जी की कविताओं पर आधारित कुछ पन्तियाँ लिख रहे है जो उम्मींद करते है की आपको "बाबु जी" की सुगन्धित यादों की तरंगो में एक और तरंग बढ़ाने में शायद मदगार हो, अगर ऐसा मुमकिन हो पाया तो हम खुद को खुशनसीब समझेंगे...
आपके शुभाशीर्वाद की चाह में निरंतर...
आपका,

रोज rose की इक शाला,
दे जाती चंचल बाला
हरे पत्तों की शाख पर,
लिखा होता कुछ काला-काला

दिवस मिलन का और नाम भी,
उस पर अक्सर होता है

जग रोज rose से प्यार कमाता,
पर नाम कमाता ये दिलवाला...

सूरत-सीरत की बात चले जब,
याद आती है, चंचल बाला
शाह-मुमताज़ की यादों में,
ताज बना सुनहरा शाला

ख्यालों के नए इमारत को,
ताज बनाते जगवाले

हर वक़्त ख्यालों के खंडहर में,
एक याद बनता है दिलवाला...

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